किसान का मक्खन

                                                       किसान का मक्खन

एक किसान था जो रोजाना एक बेकरी वाले (Baker) को मक्खन दिया करता था।
एक दिन Baker ने सोचा कि चलो आज मक्खन को तौल के देखता हूँ कि जितना मक्खन मैंने माँगा था उतना मुझे मिलता है कि नहीं। और उस Baker को पता लगा कि वो किसान पूरा मक्खन नहीं दे रहा था।
                                   
और इस बात के लिये Baker किसान को कोर्ट लेके गया।
Judge ने किसान से पूछा कि तुम मक्खन का माप-तौल कैसे करते हो।
किसान ने कहा “माई-बाप मैं एक साधारण इंसान हूँ और मेरे पास माप-तौल के लिये कोई मशीन तो नहीं है इसीलिये एक तराजू को उपयोग में लेता हूँ।”
Judge ने पूछा “तुम तराजू में मापन के लिये क्या रखते हो?”
किसान ने कहा “माई-बाप कुछ समय पहले से ही ये Baker मुझसे मक्खन लेना सुरू किया था और मैं इससे 1 किग्रा ब्रेड लेता था।”
                                 
रोज जब Baker मक्खन लेने आता था तो वो मेरे लिये ब्रेड लेके आता था और उसी ब्रेड के वजन से मैं इनको मक्खन तौल के देता था। इसलिये अगर हममें से कोई गुनहगार है तो वो Baker खुद है।

शिक्षा :जैसी करनी ,वैसी भरनी। हम जो भी करते हैं, उसका प्रतिफल हमें अवश्य मिलता है।  किन्तु , जब हमारे साथ कुछ बुरा होता है ,तो हम भूल जाते हैं कि हमने भूतकाल में किस  प्रकार के कर्म किये थे , बल्कि
ईश्वर से शिकायतें करना प्रारम्भ कर देते हैं।  दरअसल ,हमें यह स्वीकार कर लेना चाहिए की हम अपनी परिस्थितयों के लिए स्वयं  जिम्मेदार हैं।



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