दो मेंढक
दो मेंढक मेंढकों का एक समूह यात्रा कर रहा था और एक जंगल से निकला। तभी रास्ते में उनमें से दो मेंढक एक बहुत गहरे गड्ढे में गिर गए। जब बाकी मेंढकों ने देखा कि गड्ढा तो बहुत गहरा था, तो उन्होंने उन दोनों मेंढकों को चिल्ला कर कहा कि वे तो अब अपने को मरा हुआ ही समझें। उन दोनों मेंढकों ने बाकी मेंढकों की बातों पर ध्यान न देते हुए पूरी शक्ति से ऊपर आने का प्रयास जारी रखा। बाकी मेंढकों ने उन दोनों मेंढकों को यह बताना जारी रखा कि वे ऊपर आने का प्रयास व्यर्थ में ही कर रहे हैं, और इससे कोई लाभ होने वाला नहीं है। अन्ततः उन दोनों में से एक मेंढक ने बाकी मेंढकों के कहने में आकर ऊपर आने का प्रयास करना बन्द कर दिया और गहरे गड्ढे में गिरकर उसने प्राण त्याग दिए। किन्तु, दूसरे मेंढक ने गहरे गड्ढे से बाहर आने के प्रयास जारी रखे और जितनी ताक़त से वह ऊपर की ओर कूद सकता था, वह कूदता रहा। फ़िर से बाक़ी मेंढकों ने उसे चिल्ला-चिल्ला कर मना करना शुरू कर दिया कि वह व्यर्थ में ऊपर आने के प्रयास न करें। किन्तु, ऐसा लगता था जैसे कि यह