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Showing posts from 2018

सच्ची मित्रता

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                                                      सच्ची मित्रता  एक बार एक केकड़ा समुद्र किनारे अपनी मस्ती में चला जा रहा था और बीच बीच में रुक रुक कर अपने पैरों के निशान देख कर खुश होता । आगे बढ़ता पैरों के निशान देखता उससे बनी डिज़ाइन देखकर और खुश होता... इतने में एक लहर आयी और उसके पैरों के सब निशान मिट गये।                                   इस पर केकड़े को बड़ा गुस्सा आया, उसने लहर से बोला , "ए लहर मैं तो तुझे अपना मित्र मानता था, पर ये तूने क्या किया , मेरे बनाये सुंदर पैरों के निशानों को ही मिटा दिया कैसी दोस्त हो तुम ।" तब लहर बोली, " वो देखो पीछे से मछुआरे लोग पैरों के निशान देख कर ही तो केकड़ों को पकड़ रहे हैं...

गृह क्लेश क्यों होता है

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                                                     गृह क्लेश क्यों होता है? संत  कबीर  रोज  सत्संग  किया  करते  थे।  दूर-दूर  से  लोग  उनकी  बात  सुनने  आते  थे। एक  दिन सत्संग  खत्म  होने  पर  भी  एक आदमी  बैठा  ही  रहा। कबीर  ने  इसका  कारण  पूछा  तो  वह  बोला,  ‘मुझे आपसे  कुछ  पूछना  है।' मैं  जानना  चाहता  हूं  कि  मेरे  यहां  गृह क्लेश  क्यों  होता  है  और  वह  कैसे  दूर  हो  सकता है ? कबीर  थोड़ी  देर  चुप  रहे, फिर  उन्होंने  अपनी...

लस्सी

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                                                                       लस्सी लस्सी का ऑर्डर देकर हम सब आराम से बैठकर एक दूसरे की खिंचाई और हंसी-मजाक में लगे ही थे कि एक लगभग 70-75 साल की माताजी कुछ पैसे मांगते हुए मेरे सामने हाथ फैलाकर खड़ी हो गईं....! उनकी कमर झुकी हुई थी,. चेहरे की झुर्रियों में भूख तैर रही थी... आंखें भीतर को धंसी हुई किन्तु सजल थीं... उनको देखकर मन मे न जाने क्या आया कि मैने जेब मे सिक्के निकालने के लिए डाला हुआ हाथ वापस खींचते हुए उनसे पूछ लिया...... "दादी लस्सी पियोगी ?" मेरी इस बात पर दादी कम अचंभित हुईं और मेरे मित्र अधिक... क्योंकि अगर मैं उनको पैसे देता तो बस 5 या 10 रुपए ही देता लेकिन लस्सी तो 35 रुपए की ए...

सौंदर्य और उदारता

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                                                             सौंदर्य और उदारता                                                एक संभ्रांत  प्रतीत होने वाली अतीव सुन्दरी ने विमान में प्रवेश किया और अपनी सीट की तलाश में नजरें घुमाईं । उसने देखा कि उसकी सीट एक ऐसे व्यक्ति के बगल में है जो जिसके दोनों ही हाथ नहीं है। महिला को उस अपाहिज व्यक्ति के पास बैठने में झिझक हुई ! उस 'सुंदर' महिला ने एयरहोस्टेस को कहा कि वह उसके लिए नियत सीट पर सुविधापूर्वक यात्रा नहीं कर पायेगी, क्योंकि साथ की सीट पर एक दोनों हाथ विहीन व्यक्ति बैठा हुआ है | उस सुन्दरी ने एयरहोस्ट...