माता का निर्माण
माता का निर्माण जब ईश्वर माता का निर्माण कर रहे थे , तो उन्हें उसमें बहुत समय लग रहा था।एक देवदूत रोज़ देखता था कि भगवान माता का निर्माण कर रहे हैं और आज छठा दिन है, और ईश्वर रात तक लगे हैं और ओवरटाइम कर रहे हैं।यह देखकर वह देवदूत बोला ,"हे ईश्वर!आप इस पर इतना अधिक समय क्यों लगा रहे हैं ?" यह सुनकर ईश्वर ने जवाब दिया ," क्या तुमने इसकी Specification Sheet देखी है ? इसके भीतर बदले जा सकने वाले २०० से भी अधिक Parts होने चाहियें। ~उसमें कम से कम भोजन को भी अधिक से अधिक बच्चों में बाँटने की क्षमता होनी चाहिए , जो भोजन बचे उसे ख़ुशी-ख़ुशी स्वयं खा लेने की क्षमता होनी चाहिए। ~उसकी गोद ऐसी होनी चाहिए कि सभी बच्चे एक साथ समां सकेंऔर जब वह खड़ी हो जाए ,तो वह गोद गायब हो जाए। ~ उसके पास एक ऐसा चुम्बन होना चाहिए जो बच्चों को किसी भी कष्ट से उबार सके -चाहे वह घुटने पर लगी चोट का कष्ट हो या टूटे हुए दिल का दर्द। माँ का एक चुम्बन हर प्रकार के दुःख दर्द के लिए पर्याप्त हो। "फिर , उसके हाथ मु